विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील प्लांट के संगठन, कार्य और कर्तव्यों का विवरण।

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वीआईएसएल के संगठन, कार्य तथा कर्तव्यों का विवरण

विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील प्लांट (वीआईएसएल) कर्नाटक राज्य में बंगलूरु के उत्तर-पश्चिम में 260 किलोमीटर पर भद्रावती में स्थित है। कारखाने व नगरी के तीन ओर भद्र नदी बहती है। कारखाना 3.8 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है तथा इसमें 1 अगस्त, 2007 को 2467 लोग कार्य कर रहे थे। इस्पात नगरी 4.5 वर्ग किलोमीटर में फैली है।

तात्कालिक मैसूर राज्य के दीवान सर एम. विश्वेश्वरैया की दूरदृष्टिता व स्वप्न का साक्षात् रूप ”मैसूर वुड डिस्टिलेशन वक्र्स“ 1918 में स्थापित किया गया था। 1962 में यह एक लिमिटेड कम्पनी बन गया। महान् संस्थापक को श्रद्धांजलि के तौर पर 6 फरवरी, 1976 को इसका नाम बदल कर विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील लिमिटेड (वीआईएसएल) कर दिया गया। विश्वेश्वरैया अद्वितीय इंजीनियर-राजनेता थे और उन्होंने शिमोगा के जंगलों में भद्रावती को कारखाने के लिए उत्तम स्थान मान कर चुना।

1918 में वुड डिस्टिलेशन कारखाने में प्रारम्भ हुए मैसूर आयरन वक्र्स ने 1923 में तारकोल धमन भट्टी में कच्चा लोहा तैयार करना शुरू किया। यहां प्रतिदिन 60 टन कच्चे लोहे का उत्पादन होता था। इस प्रकार तैयार कच्चे लोहे का उपयोग कर लाभ उठाने के लिए 1927 में यहां एक पाइप संयंत्र लगाया गया। 1936 में मृदुल इस्पात का उत्पादन शुरू हुआ और उसी वर्ष कम्पनी का नाम बदल कर मैसूर आयरन एण्ड स्टील वक्र्स कर दिया गया। 1942 में लौह मिश्र धातु का उत्पादन प्रारम्भ किया गया। इसके लिए दो छोटी भट्टियां लगाई गईं तथा 1962 में उत्पादन क्षमता का विस्तार किया गया। दो एलडी कन्वर्टर, एक वैद्युत आर्क भट्टी तथा एक ब्लूमिंग व भारी सेक्शन मिल स्थापित कर 1965 में मृदुल इस्पात की उत्पादन क्षमता का भी विस्तार किया गया।

वैद्युत आर्क भट्टी, कम्बाइन्ड बार एवं राॅड मिल तथा सेन्ट्रल हीट ट्रीटमेंट शाॅप जोड़ कर 1965 में कारखाने का और विस्तार किया गया और यहां मिश्र तथा विशेष इस्पात इस्पात का उत्पादन शुरू हो गया। बाद में, 1977 में एक आाधुनिक फोर्ज संयंत्र स्थापित किया गया जिससे कारखाने में हाई स्पीड स्टील, टूल स्टील, डाई ब्लाॅक स्टील और वाल्व स्टील आदि जैसे उच्च मिश्र इस्पात तैयार होने लगे। इसके साथ ही कारखाने की मिश्र तथा विशेष इस्पात उत्पादन क्षमता बढ़कर प्रति वर्ष 77,000 टन हो गई।

इस्पात की गुणवत्ता व मात्रा में सुधार लाने के उद्देश्य से 1983 में वेक्यूम डिगैसिंग/वेक्यूम आॅक्सीजन डिकार्बुनाइजेशन यूनिट तथा 1985 में ब्लूम और बिलेट के लिए एक कन्टीनुअस कास्टिंग यूनिट जोड़ी गई। कम्पनी का 12 वर्ष तक विश्वविख्यात आॅस्ट्रियाई कम्पनी, मैसर्स बोहलर्स के साथ तकनीकी समझौता था। अपनी टेक्नोलाॅजी को और आधुनिक बनाने के लिए वीआईएसएल ने आॅस्ट्रिया की बोस्ट एलपाइन इंडस्ट्रियल सर्विस (वीएआईएस) की सेवाओं का भी लाभ उठाया। यह व्यवस्था स्टील अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) और वीएआईएस के बीच हुए एक करार के अन्तर्गत प्राप्त हुई थी।

वीआईएसएल ने मिश्र तथा विशेष इस्पात के उत्पादन के क्षेत्र में देश में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। यह सुरक्षा, न्यूक्लीयर पावर कारपोरेशन, रेलवे आदि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। वीआईएसएल 1968 से मिश्र एवं विशेष इस्पात बना रहा है तथा समय की मांग को ध्यान में रखते हुए तेजी से नई टेक्नोलाॅजी का समावेश कर रहा है। यह देश में उच्च क्वालिटी के इस्पात के उत्पादन में सदैव अग्रणी रहा है।

दीर्घकालीन रणनीति के अनुरूप वीआईएसएल ने 1995 में मिश्र तथा विशेष इस्पात के उत्पादन के लिए बीएफ-बीओएफ-एलआरएफ-वीडी मार्ग का पूरा लाभ उठाकर उच्च श्रेणी के तप्त धातु उत्पादन के लिए 530 घन मीटर क्षमता की एक धमन भट्टी स्थपित की थी।

मिश्र तथा विशेष इस्पात का प्रमुख उत्पादक बना रहने के लिए लघु तथा दीर्घकालीन आधुनिकीकरण प्रस्ताव विचारार्थ विभिन्न चरणों में है।