सेल सतर्कता (ISO 9001 : 2015 प्रमाणित ) मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री एसएन गुप्ता, आईटीएस (1992 बैच) ने 13 दिसंबर 2023 को स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) का पदभार ग्रहण किया। श्री गुप्ता के पास विभिन्न तकनीकी और क्षमता निर्माण कार्यों में लगभग 30 वर्षों का व्यापक अनुभव है। 1992 बैच में भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) में प्रवेश करने के बाद, उन्होंने एक्सचेंज इंस्टालेशन, फील्ड ऑपरेशंस, मोबाइल ऑपरेशंस और कार्मिक एवं प्रशिक्षण में विशेषज्ञता के साथ 23 साल से अधिक समय बिताया है। उन्होंने पांच वर्षों तक केंद्रीय सतर्कता आयोग में निदेशक के रूप में कार्य किया है और सरकार के भीतर सतर्कता तंत्र को बढ़ाने में योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण में मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में दो साल बिताए हैं, जहां उन्होंने खेल प्रशासन में पारदर्शिता और अखंडता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सतर्कता विभाग की गुणवत्ता नीति: "सेल सतर्कता, एक विश्व स्तरीय संगठन बनने की ओर अग्रसर सेल में, सतर्कता के सर्वोच्च नैतिक मानदंडों को कायम रखते हुए, लोगों को पारदर्शी तरीके से निष्ठा व निष्पक्षता से कार्य निष्पादित करने हेतु वातावरण प्रदान करने के लिए गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की स्थापना करके, उसे निरंतर बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहा है। संरचना एवं कार्य सेल के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री शैलेश कुमार सिंह(आईएएस) हैं। सेल के संयंत्रों /इकाईयों में सतर्कता कार्यों की निगरानी सहायक मुख्य सतर्कता अधिकारी द्वारा की जाती है। सहायक मुख्य सतर्कता अधिकारी कार्य की दृष्टि से मुख्य सतर्कता अधिकारी के अधीन कार्य करते हैं। सेल सतर्कता का कार्य मोटे तौर पर निवारक स्वरूप का है। सेल सतर्कता सक्रियता पर केन्द्रित है अर्थात अपने संगठन के सर्वोच्च नैतिक मानदंडों को कायम रखते हुए ईमानदारी, निष्पक्षता, निर्भयता और पारदर्शिता से काम करने का अवसर देने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना है। सेल सतर्कता द्वारा पारदर्शिता, कार्यकुशलता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से सेल के सभी सतर्कता विभागों में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली ( क्यूएमएस) लागू किया गया है। सेल में निगमित सतर्कता, सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है, जिसे आईएसओ 9001:2015 प्रमाणीकारण द्वारा मान्यता प्राप्त है। शिकायत दर्ज कराने की प्रणाली वेबसाइट के माध्यम से सतर्कता मामलों से संबंधित शिकायतें प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और विभिन्न प्रक्रियाओं का शीघ्र निपटान करना है। शिकायतकर्ता की नीयत जान लेने के बाद वेबसाइट के जरिये प्राप्त सभी शिकायतों को कार्यवाही के लिए आगे बढ़ाया जाता है और गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के निर्धारित मानकों के अनुसार उस पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। सीवीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार बेनामी/छद्म नाम वाले शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। शिकायत दर्ज कराने के लिए दिशा निर्देश शिकायत स्पेसिफिक होनी चाहिए, जिसमें संबन्धित ब्योरे जैसे एनआईटी संख्या और दिनांक इत्यादि का उल्लेख हो। शिकायत पर कार्यवाही के लिए सही नाम एवं पता अनिवार्य हैं। शिकायत दर्ज किए जाने के बाद, उस विषय पर किसी तरह के पत्राचार पर विचार नहीं किया जाएगा। यदि शिकायत झूठी पायी जाती है और इसकी वजह से अधिकारियों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है तो शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। सतर्कता की दृष्टि से ही शिकायत की जांच की जाएगी। सतर्कता की दृष्टि में अधिकारिक पद का दुरुपयोग, रिश्वत की मांग करना और स्वीकार करना, दुर्विनियोजन/जालसाजी या धोखाधड़ी, जानबूझकर की गयी लापरवाही, निर्धारित प्रणालियों और प्रक्रियाओं का सरासर उल्लंघन, निर्णय क्षमता का दुरुपयोग, मामले पर कार्यवाही करने में विलंब करना इत्यादि शामिल है।