सेल ने 69,000 से अधिक बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए अपनी इस्पात नगरियों में लगभग 146 स्कूल खोले हैं। हर वर्ष सेल द्वारा संचालित स्कूलों के 200 से अधिक छात्र आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, मेडिकल कॉलेज आदि जैसे प्रमुख संस्थानों द्वारा प्रदान की जा रही उच्च शिक्षा के लिए चुने जाते हैं। इन संस्थानों की प्रवेश परीक्षा में सेल की इस्पात नगरियों के अनेक छात्र उच्च स्थान प्राप्त करते हैं।
इसके अतिरिक्त कंपनी 286 से अधिक स्कूलों को अतिरिक्त कमरे/चारदीवारी, शौचालय, लेखन सामग्री/खेलकूद सामग्री की व्यवस्था आदि के लिए भी सहायता प्रदान कर रही है। इन स्कूलों में लगभग 14,000 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अपने स्कूलों के अतिरिक्त सेल स्वतंत्र प्रबंधन के अंतर्गत चलाए जा रहे अन्य पब्लिक स्कूलों की भी सहायता करता है। ये स्कूल शिक्षा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोले गए हैं। सेल द्वारा संचालित स्कूलों के 93.12 प्रतिशत बच्चे अपनी प्राथमिक शिक्षा (पांचवीं कक्षा तक) तथा 90 प्रतिशत सेकेण्डरी शिक्षा जारी रख रहे हैं। इन स्कूलों में बालक एवं बालिकाओं का अनुपात सभी स्तरों पर 1 : 1 है। सेल ने अब अपनी इस्पात नगरियों में शत-प्रतिशत साक्षरता का स्तर प्राप्त करने की योजना बनाई है।
सेल ने पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए अपने एकीकृत इस्पात कारखानों की नगरियों में नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल खोले हैं। इन स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क, पौष्टिक दोपहर का भोजन, यूनीफॉर्म तथा लिखने-पढ़ने की सामग्री दी जाती है। समाज के कमजोर वर्गों तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातियों के प्रतिभाशाली बच्चों को छात्रवृत्तिायां भी दी जा रही हैं। इसके अतिरिक्त भिलाई ने 225 कबायली बच्चों को अपनी शरण में लिया है जबकि बोकारो इस्पात कारखाने ने समाप्ति की कगार पर बिरहौर कबीले के 14 बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाया है। इन बच्चों को नि:शुल्क स्कूली शिक्षा, रहने-खाने की सुविधाएं आदि प्रदान की जा रही हैं।
सेल ने समाज के लोगों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने के लिए गुवा लौह अयस्क खानों में हाल ही में एक आईटीआई स्थापित की है। बिहार में समस्तीपुर में भी एक आईटीआई की आधारशिला रखी गई है।