फ्लाई ऐश स्टॉक स्थिति
"Fly Ash Stock Position at Bhilai Steel Plant"
# |
Fly ash stock position in Tonnes* |
As on |
1 |
24857 |
31/01/2019 |
*Including bottom ash and available in ash pond.
# |
Fly ash stock position in Tonnes* |
As on |
1 |
24857 |
31/01/2019 |
*Including bottom ash and available in ash pond.
पर्यावरण प्रबंधन
The steel plant at Burnpur has been a source of pride, strength and happiness for local residents and surrounding areas for nearly a century. Spreading its wings far beyond the scope of industrial manufacturing, the plant has engaged itself in a number of cultural, social and community services. People, the real driving force behind every step, have always been the centre of such activities.
ISP produces a large number of steel structures and special sections as well as pig iron. The plant pioneered the production of centre-sill Z-section used in the fabrication of wagon and Z-type sheet piling section used in construction of barrages, bridge foundations and other projects and colliery arch section used for roof support in collieries. The plant has also developed ‘slit rolling’ for small diameter rounds (10 mm and 12 mm TMT), which are in high demand in the domestic market.
IISCO Steel Plant has roped in world class technology to create state-of-the art facilities at Burnpur. The facilities have been designed to produce best quality product with minimal environmental impact. The facilities include:
UNIT आईआईएससीओ स्टील प्लांट के बारे मेंइस्को स्टील प्लांट (आईएसपी) बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट एक एकीकृत इस्पात कारख़ाना है और इसमें प्रति वर्ष 42.6 लाख टन विक्रेय तथा 25.4 लाख टन कच्चा लोहा तैयार करने की क्षमता है। भूतपूर्व इंडियन आइरन एंड स्टील कंपनी, (आईआईएससीओ) का, जो पहले स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की एक 100% सहायक कंपनी थी, 16 फरवरी 2006 को स्वामी कंपनी में विलय कर दिया गया था। सेल रिफ्रैक्टरी कंपनी लिमिटेडसाल 1890 में एक ब्रिटिश नागरिक हेनरी टर्नर ने सलेम में मैग्नेसाइट की खोज की, जिससे भारत में बुनियादी रिफ्रैक्ट्री उद्योग की शुरुआत हुई। मैग्नेसाइट का ओपन कास्ट खनन शुरू हुआ और मैग्नेसाइट को कैल्सिनेट करने के लिए पहले लकड़ी से बने भट्ठे को परिचालन में लाया गया और कैलसाइंड मैग्नेशिया को यू.के. को निर्यात किया गया। सेल रिफ्रैक्टरी यूनिट (एसआरयू)इस्पात मंत्रालय के अधीन, सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान, हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड के अंतर्गत बोकारो स्टील लिमिटेड में से 1978 में गठित भूतपूर्व भारत रिफ्रैक्टरी लिमिटेड का 1 अप्रैल , 2007 को सेल में विलय कर दिया गया और यह अब सेल रिफ्रैक्टरी यूनिट बन गया है। दशकों का अनुभव प्राप्त यह यूनिट इस समय भारत में सेल रिफ्रैक्टरियां बनाने वाला सबसे बड़ा निर्माता है। इस यूनिट का वार्षिक कारोबार 350 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है तथा यह अपने विशाल निर्माण और विपणन तंत्र से सेल की सेवा कर रहा है। इसमें लगभग 1,600 लोग काम कर रहे हैं । केन्द्रीय कोयला आपूर्ति संगठन (सीसीएसओ)केन्द्रीय कोयला आपूर्ति संगठन (सीसीएसओ), झारखंड के धनबाद जिले में स्थित सेल की एक यूनिट है। इसके कोलकाता, असनसोल, आद्रा और बिलासपुर में शाखा कार्यालय हैं। अपनी कुशल जनशक्ति के साथ सीसीएसओ सेल के इस्पात कारखानों, भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, बोकारो तथा इस्को स्टील प्लांट को दैनिक आधार पर स्वदेशी धुला हुआ कोयला और बायलर क्वालिटी का कोयला पहुंचाता है। इस कार्य के लिए यह भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल), धनबाद; सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), रांची; वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डबल्यूसीएल), नागपुर; ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल), संक्टोरिया (पश्चिम बंगाल); दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिम |