सुपरविजन व उत्तरदायित्व सहित निर्णय प्रक्रिया के लिए कार्रवाई
दुर्गापुर इस्पात कारखाने में निर्णय लेने की प्रक्रिया वही है जो सेल की अन्य यूनिटों में अपनाई जाती है। आमतौर पर, ऐसे प्रस्ताव जिन पर निर्णय लिया जाना है उपयुक्त स्तर पर वित्तीय पक्षों व उनके महत्व तथा समय सीमा के आधार पर कार्यपालकों द्वारा शुरू किए जाते हैं। सामान्य तौर पर प्रस्ताव सहायक प्रबन्धक/उप प्रबन्धक/प्रबन्धक के स्तर पर शुरू होते हैं। इन्हें उप महाप्रबंधक/महाप्रबंधक/प्रबंध निदेशक द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है। स्वीकृति कौन देगा यह अधिकारियों को प्रदत्त स्वीकृति अधिकार पर निर्भर होता है। जो प्रस्ताव प्रबंध निदेशक के अधिकारों से बाहर होते हैं उन्हें स्वीकृति के लिए अध्यक्ष/निदेशक मण्डल जैसा भी हो, की स्वीकृति के लिए प्रेषित किया जाता है।
सेल का एक मूल मन्त्र है। इसी मूल मन्त्र को स्वीकार करते हुए दुर्गापुर इस्पात कारखाना लोहे व इस्पात का एक विश्व श्रेणी का उत्पादक तथा भारतीय इस्पात कारोबार में अग्रणी बनने पर जोर देता रहा है। दुर्गापुर इस्पात कारखाने में नीति निर्धारण और निर्णय लेने के आधार गुणवत्ता, उत्पादकता, लाभप्रदता तथा उपभोक्ता संतुष्टि रहे हैं। ध्येय और उसके मार्गदर्शी सिद्धान्त व संगठन के उद्देश्य कारखाने की नीति व रणनीति निर्धारण की राह दिखाते हैं।
सेल का ध्येय है :-
एक सम्मानित विश्व स्तरीय प्रतिष्ठान बनने के साथ-साथ भारतीय इस्पात व्यवसाय में गुणवत्ता, उत्पादकता, लाभप्रदता और उपभोक्ता संतुष्टि के क्षेत्र में अग्रणी रहना।
मार्गदर्शी सिद्धान्त, जिन पर मूल मन्त्र व ध्येय आधारित है -
- हम उपभोक्ताओं के साथ विश्वास एवं पारस्परिक हित पर आधारित चिरस्थायी संबंध बनाते हैं।
- हम अपने व्यवसाय के संचालन में सर्वोच्च नैतिक मानकों को कायम रखते हैं।
- हम एक ऐसी संस्कृति का सृजन और पोषण करते हैं जिसमें आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सके एवं ज्ञानार्जन और परिवर्तन के प्रति सहक्रियात्मक हो।
- हम कर्मचारियों को प्रगति एवं पुरस्कार के अवसरों से युक्त चुनौतीपूर्ण रोजगार पेश करते हैं।
- हम लोगों के जीवन में सार्थक परिवर्तन लाने के अवसर और दायित्व को मूल्यवान समझते हैं।
दुर्गापुर इस्पात कारखाने के उद्देश्य उत्कृष्टता के मार्ग पर अग्रसर होने के मूल मंत्र और ध्येय पर आधारित हैं।
दुर्गापुर इस्पात कारखाने के सभी विभागों में निर्णय लेने की प्रक्रिया लागत तथा गुणवत्ता लाभों के साथ विकास नीति से जुड़ी है। सभी रणनीतियाँ परिचालन कार्यकुशलता तथा मूल्य संवर्धित उत्पादों का अधिकतम लाभ उठाने से सम्बन्धित हैं। इस्पात कारखाने के विभागाध्यक्ष इन उद्देश्यों व लक्ष्यों तथा लिए गए निर्णयों की जानकारी कर्मचारियों के हर वर्ग तक पहंुचाने के लिए हर सम्भव प्रयास करते हैं। कार्यपालकों को संगठन तथा विकास से सम्बद्ध ‘महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्रों’ की जिम्मेदारी दी जाती है। इन क्षेत्रों का कार्य व लक्ष्यों में विभाजन किया जाता है। प्रत्येक कार्य व लक्ष्य की पूर्व निर्धारित समय-सीमा होती है तथा उसका उत्तरदायित्व नियत होता है। इससे निर्णय के कार्यान्वयन का उत्तरदायित्व स्पष्ट हो जाता है तथा ‘महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्रों’ (केपीए) का संगठन अधिक्रम सुपरविजन के चैनलों का निर्णय करता है।