अधिकारियों व कर्मचारियों के अधिकार एवं कर्तव्य
वीआईएसएल कम्पनी अधिनियम, 1956 के अधीन पंजीकृत सेल की एक यूनिट है। कम्पनी के आर्टिकल्स आॅफ ऐसोसिएशन के अन्तर्गत निदेशक मण्डल ने कम्पनी के प्रबन्धन के लिए कुछ अधिकार कम्पनी के अध्यक्ष को सौंपे हैं। अध्यक्ष ने अपने कुछ अधिकार वीआईएसपी के प्रमुख कार्यकारी को सुचारू ढंग से प्रबन्धन चलाने के लिए प्रत्यायोजित किये हैं।
भूमिका: वीआईएसएल में निम्न सामान्य कार्य किए जाते हैं:
- कम्पनी के लिए दीर्घकालीन नीति विषयक आयोजन।
- कारखाने के कर्मियों से विचार-विमर्श के उपरान्त नीति निर्धारण। नीतियों के क्रियान्वयन के लिए सहमति से कार्य योजना तैयार करना और उन पर अमल।
- संगठन के उद्देश्यों के प्रति निष्ठा, लक्ष्यों तथा कार्य योजना के बारे में सभी को स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराना।
- प्रत्येक कार्य क्षेत्र में कार्य निष्पादन के मानक तैयार करना तथा निरन्तर बेहतर होते हुए मानकों के लिए कटिबद्धता प्राप्त करना।
- सहज तथा कुशल परिचालन सुनिश्चित करना तथा वर्तमान संसाधनों का अधिकतम उपयोग। लक्ष्यों की पूर्ण प्राप्ति और कम्पनी का समुचित विकास। कम्पनी में कार्यकुशलता अधिकतम करने के लिए संगठन का विकास।
- लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक यूनिट के कार्यनिष्पादन की समीक्षा और, जहां आवश्यक हो, भूल सुधार के लिए कार्रवाई।
- विभिन्न संयंत्रों का समन्वित कार्य; अन्तर-संयंत्र विचार-विमर्श से सुधार लाना, ज्ञान का प्रसार, और कम्पनी के कार्यों में एकरूपता लाना।
- समस्याओं का पूर्वानुमान कर संयंत्रों की सहायता तथा उनके कार्य में सुधार।
- केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों, मंत्रालय, रेलवे, सप्लायरों आदि सभी बाहरी एजेंसियों से समन्वयन जिससे कम्पनी के समग्र कार्यों में सुधार लाया जा सके।
- कम्पनी में पूर्णतः कर्तव्यनिष्ठ कर्मीदल तथा योग्य प्रबन्धकीय केडर का विकास।
- संगठन में समस्या-पहचान तथा समस्या-समाधान के लिए एक कुशल एवं उच्च कोटि का डाटा बैंक व एमआईएस का विकास।
- विभिन्न प्रचार माध्यमों के उपयोग से आम जनता में कम्पनी की निगमित छवि का विकास।
- कार्मिक, कल्याण, वित्त, परियोजनाएं, प्रशासन तथा अन्य सेवा एजेंसियों, जैसे सामान्य कार्यों पर नियंत्रण/उनकी समीक्षा।