दुर्गापुर इस्पात कारखाने के संगठन, कार्य तथा कर्तव्यों का विवरण
दुर्गापुर इस्पात कारखाना 1950 के अन्तिम वर्षों में ब्रिटिश सहयोग से स्थापित किया गया। इसकी आरम्भिक उत्पादन क्षमता 10 लाख टन कच्चा इस्पात प्रति वर्ष थी। 1960 के अन्तिम वर्षों में इसकी क्षमता बढ़ाकर 16 लाख टन कर दी गयी। 1990 के आरम्भिक वर्षों में कारखाने का बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण किया गया। जहाँ एक ओर टेक्नोलाॅजी का नवीकरण किया गया, वहीं दूसरी ओर उस टेक्नोलाॅजी पर कार्य करने के लिए इसके मानव संसाधनों को भी व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। तत्पश्चात् दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने आईएसओ 9000:2001 गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रणाली प्राप्त की और कारखाना देश के सबसे आधुनिक कारखानों में से एक हो गया है। प्रबन्धन में भागीदारी से उत्साहित दुर्गापुर इस्पातकर्मी दल ने पिछले वर्षों में सामने आए उच्च प्रतियोगी बाजार में आगे बढ़ने के अपने स्पष्ट संकल्प को दर्शाया है।
इस्पात कारखाना:
पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों में से एक यह कारखाना 6.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसमें लगभग 16 हजार लोग कार्य करते हैं। कारखाने की निर्धारित तप्त धातु उत्पादन क्षमता 21 लाख टन तथा कच्चा इस्पात उत्पादन क्षमता 19 लाख टन है। यहाँ 16 लाख टन विक्रेय इस्पात का उत्पादन होता है।
प्रमुख सुविधाएँ:
कच्चा माल उठाने-रखने का संयंत्र
कारखाने में कच्चा माल उठाने-रखने, भण्डारण तथा कच्चे माल की गुणवत्ता में एकरूपता बनाए रखने की अधुनातन सुविधाएँ हैं। आधुनिकीकरण के दौरान लगाए गए इस संयंत्र की वार्षिक क्षमता 34.4 लाख टन मिश्रण तैयार करने की है।
कोक भट्टी एवं कोयला रसायन
कोक भट्टी तथा कोयला रसायन के 4 मुख्य विभाग - कोक की तैयारी, कोयले का कार्बनाइजेशन, कोक उठाना-रखना व कोयला रसायन - हैं। दुर्गापुर इस्पात कारखाने के कोयला तैयारी संयंत्र की विशेषता विभिन्न श्रेणियों के कोयले की अपेक्षित क्रशिंग के लिए चुनी गई श्रेणियांे की पिसाई है। कारखाना अपनी कोक आवश्यकताएं पूरी करने के लिए 4 भट्टियां चला रहा है।
सिन्टर संयंत्र
यह माना गया था कि 21 लाख टन तप्त धातु के उत्पादन के लिए धमन भट्टियों में 75 प्रतिशत सिन्टर, अर्थात् कुल 30 लाख टन सिन्टर का उपयोग करना होगा। आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत 198 वर्ग मीटर क्षेत्र में ईंधन की कम खपत वाली आधुनिक सिन्टरिंग मशीनें लगाई गई हैं। इसकी सिन्टर उत्पादन क्षमता 17 लाख टन है। आवश्यकता का शेष अंश नवीकृत पुराने सिन्टर संयंत्र से पूरा होता है।
धमन भट्टियाँ
कारखाने में 3 तीन आधुनिकीकृत धमन भट्टियाँ हैं। इनमें प्रति वर्ष 21 लाख टन तप्त धातु उत्पादन की क्षमता है। सहायक इकाइयों में जब भी आवश्यक हो, कच्चा लोहा बनाने के लिए 3 पिग कास्टिंग मशीनें हैं। 2 धमन भट्टियों में ग्रेनुलेटेड स्लैग बनाने की क्षमता है। गेनुलेटेड स्लैग सीमेन्ट निर्माताओं द्वारा सीमेन्ट बनाने के काम आता है।